वाराणसी के कई मंदिरों से हटाई गई साई बाबा की मूर्तियां..
वाराणसी:सनातन रक्षक दल नमक संगठन के एक अभियान शुरू करने के बाद मंगलवार को वाराणसी के कई मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटा दी गई।
संगठन ने यहां बड़ा गणेश मंदिर से साईं बाबा की एक मूर्ति हटाकर मंदिर परिसर के बाहर रख दिया।
बड़ा गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी रुम्मू गुरु ने कहा ” साई बाबा की पूजा बिना उचित जानकारी के की जा रही थी , यह शास्त्रों के अनुसार वर्जित है।”
इसी तरह अन्नपूर्णा मंदिर के मुख्य पुजारी शंकर पूरी ने कहा ” शास्त्रों में साई बाबा का कोई उल्लेख नहीं है।”
मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियों को हटाने का अभियान संचालित कर रहे संगठन ” सनातक आरक्षक दल ” के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा ” काशी (वाराणसी) में केवल सर्वोच्च देवता भगवान शिव की पूजा होनी चाहिए। श्रद्धालुओं की भावना का सम्मान करते हुए साई बाबा की मूर्तियों को दस मंदिरों से पहले ही हटा दिया गया है। आने वाले दिनों में अगस्त्य कुंड और भूतेश्वर मंदिर से भी साई बाबा की मूर्तियां हटा दी जाएगी। “
शहर के सिंगरा क्षेत्र के संत रघुवर दास नगर स्थित साई मंदिर के पुजारी समीर घोष ने कहा ” जो लोग आज सनातनी होने का दावा कर रहे हैं वे वही लोग हैं जिन्होंने मंदिरो में साई बाबा स्थापित किया है, और अब वे उन्हें वहां से हटा रहे हैं । ईश्वर का कोई भी रूप हो सकता हैं । इस तरह के कृत्य सही नहीं है। इससे लोगो की आस्था को ठेस पहुंचेगी,और समाज में वैमनस्य पैदा होगा। “
घोष के अनुसार यह साई मंदिर रोजाना सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक खुलता है,और भक्त हर दिन पूजा करने आते हैं। “खासकर वृहस्पतिवार को करीब 4000 से 5000 श्रद्धालु पूजा करने आते हैं।”
सबका मालिक एक है की शिक्षा देने वाले साई बाबा को एक आध्यात्मिक व्यकित्व के रूप मे पूजा जाता है। साई बाबा धार्मिक सीमाओं से परे प्रेम , क्षमा और दान की अपनी शिक्षा के लिए जाने जाते हैं ।
साई बाबा का सबसे प्रमुख आराधना स्थल महाराष्ट्र के शिरडी स्थित मंदिर को माना जाता है। इसका रख रखाव श्री साई बाबा संस्थान ट्रस्ट करता है। सभी धर्मों,समुदाय और सभी क्षेत्रों के लोग शिरडी स्थित साई मंदिर में साई बाबा के दर्शन करने जाते हैं।
नया नहीं है साई बाबा के पूजा को लेकर विवाद
वैसे साईं पूजा को लेकर विवाद नया नही है. पहले भी शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं पूजा का विरोध किया है. वहीं, पिछले दिनों बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री ने भी साईं पूजा का विरोध किया था. उन्होंने कहा था लोगों को लगता है कि मैं साईं बाबा का विरोधी हूं, लेकिन मैं उनका विरोधी नहीं हूं. महात्मा के रूप में बाबा पूजे जा सकते हैं, लेकिन परमात्मा के रूप में नहीं.