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मंत्री जी की कुर्सी खतरे में , विजय शाह के खिलाफ केस दर्ज, कोर्ट के आदेश के बाद देर रात लिया गया एक्शन

मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। शाह के खिलाफ यह एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की तीन गंभीर धाराओं – धारा 152, 196(1)(b) और 197(1)(c) के अंतर्गत दर्ज की गई है... नीचे पढ़े लगाई गई धाराओं में कितनी साल की सजा का हैं प्रावधान

MP News: मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया हैं । एडिशनल एसपी रूपेश कुमार द्विवेदी ने FIR दर्ज करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा मंत्री विजय शाह के खिलाफ इंदौर के मानपुर थाने शिकायत दर्ज कराई गई हैं।
बता दे कि मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद देश और प्रदेश में सियासत तेज हो गई थी। इस मामले में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने खुद ही संज्ञान लिया था।
कोर्ट ने मोहन यादव सरकार को आदेश दिए थे कि विजय शाह के खिलाफ चार घंटे के अंदर केस दर्ज होना चाहिए। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और अनुराधा शुक्ला की बेंच के सामने राज्य सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह पेश हुए। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा आज ही FIR दर्ज होनी चाहिए।
कोर्ट ने सरकार को शाम छः बजे तक का वक्त दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था उनके खिलाफ गंभीर अपराधिक मामलों में केस दर्ज होना चाहिए। हालांकि मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी से माफी मांग ली है।
कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज होने के बाद मंत्री विजय शाह की कुर्सी खतरे में पड़ सकती हैं। विवादित टिप्पणी का वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा संगठन ने मंत्री विजय शाह को तलब किया था।

विजय शाह के खिलाफ यह एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की तीन गंभीर धाराओं – धारा 152, 196(1)(b) और 197(1)(c) के अंतर्गत दर्ज की गई है. हालांकि मंत्री ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ आज यानि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है.

सात साल तक की हो सकती है जेल

FIR में जिस धारा 152 BNS को शामिल किया गया है, वह भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्यों के खिलाफ है. इस धारा के अंतर्गत जीवनकाल तक की सजा या अधिकतम सात वर्ष की जेल हो सकती है.

धारा 196(1)(b) के तहत यदि किसी व्यक्ति द्वारा धर्म, जाति, भाषा, या क्षेत्र के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी फैलाने का प्रयास होता है, तो उसे तीन साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

वहीं धारा 197(1)(c) उन आरोपों से संबंधित है जो राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचा सकते हैं, विशेष रूप से यदि कोई वर्ग यह कहे कि किसी विशेष समुदाय के लोग भारत के संविधान या देश की अखंडता के प्रति सच्ची निष्ठा नहीं रख सकते.

डैमेज कंट्रोल में जुटी बीजेपी

बीजेपी ने मामले को शांत करने की कोशिश की। वीडी शर्मा के निर्देश के बाद पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह सहित बीजेपी नेताओं ने सोफिया कुरैशी के नौगांव छतरपुर स्थित घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने सोफिया को देश की बेटी बताया। इस पूरे मामले से मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है और बीजेपी बचाव की मुद्रा में है।

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