बांकीमोंगरा रिजर्व फारेस्ट में आग फैली,अतिक्रमण भी जोरों पर
कोरबा। कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र कटघोरा के अधीन आने वाले बाकीमोगरा के रिज़र्व फॉरेस्ट में आग लग गई है। कम्पार्टमेंट नम्बर 790 में लगी भीषण आग के कारण हरे-भरे सैकड़ों पेड़-पौधे जलकर राख हो गए हैं।
यह आग आज सुबह से लगी है जिसमें सैकड़ो की संख्या में हरे-भरे पेड़-पौधे भी जलकर राख होते जा रहे हैं। दो दिन पहले भी आग लगाई गई थी। एक प्रत्याशी ने बताया कि मुंह पर कपड़ा बांधे तो लोग जंगल में आग लगाते नजर आए जिन्हें उसने वहां से भागने की कोशिश भी की किंतु वह नहीं भागे। वह अपने प्रयास करने के बाद वहां से चला गया।
दूसरी तरफ जंगल में लगी आग के कारण बड़े पैमाने पर पेड़-पौधों को नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि बाकी मोगरा के रिज़र्व फॉरेस्ट को कुछ लोगों के द्वारा सांठगांठ पूर्वक क्षति पहुंचाई जा रही है। यहां बाहरी लोगों का अतिक्रमण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है और बीट प्रभारी से लेकर रेंजर इस मामले में सब कुछ जानकार भी अंजान बने बैठे हैं। उनकी उदासीनता की वजह से आरक्षित घने जंगल में पेड़ पौधों और बांस को काट-काट कर अतिक्रमण का दायरा बढ़ने लगा है।
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एक शख्स ने तो जंगल के भीतर गैरेज ही खोल दिया है और यहां अपने भारी वाहनों को खड़ा कर के मरम्मत आदि का काम भी कराता है। यहां उसके खराब वाहन पड़े रहते हैं। जंगल की जमीन को कब्जा करने की नीयत से यहां कई लोगों ने तंबू भी तानने का काम शुरू कर दिया है तो ठेला,गुमटी, और तिरपाल लगाकर अतिक्रमण इस आरक्षित जंगल में जारी है।
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बता दें कि बाकी मोगरा का रिजर्व फॉरेस्ट उसे समय सुर्खियों में आया जब यहां प्रतिबंधित अवधि में 550 नग बांस के वृक्षों की कटाई की गई थी तब यहां रेंजर मृत्युंजय शर्मा थे। हालांकि इस मामले में सब कुछ लीपापोती कर दिया गया है किंतु जिस तरह से जंगल में बाहरी दखल बढ़ती जा रही है उससे आने वाले दिनों में अतिक्रमण बढ़ता जाएगा जिसे रोकने के लिए विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को न सिर्फ कदम उठाने होंगे बल्कि अधीनस्थ कर्मियों पर भी सख्ती बरतनी होगी वरना वे अपने अधिकारियों को गुमराह करके जंगल के भीतर अतिक्रमण को बढ़ाने में सहभागी बने रहेंगे।