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बड़ी कार्रवाई:बिना अनुमति फीस बढ़ाने,किताब बदलने पर 80 आरोपी,20गिरफ्तार

0 कलेक्टर के सख्त रवैय्ये से मची हड़कम्प
0 यह कार्रवाई सभी प्रदेश और जिलों के लिए उदाहरण

जबलपुर। मध्यप्रदेश में सरकार की अनुमति के बिना प्राइवेट स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों की फीस बढ़ाने और किताब पब्लिकेशन के मामले को लेकर सरकार और प्रशासन सख्त नजर आ रही है। जबलपुर के 11 प्राइवेट स्कूलों पर 21 हजार बच्चों से 81 करोड़ 30 लाख रुपए की अवैध फीस वसूलने का आरोप है। स्कूलों ने बच्चों से 7 लाख किताबों पर भी 240 करोड़ रुपए का अतिरिक्त शुल्क वसूला है।
इस मामले में कुल 80 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।आरोपियों में स्कूल प्रबंधन, किताबों के विक्रेता और प्रकाशक शामिल हैं। स्कूलों पर आरोप है कि उन्होंने पाठ्यक्रम में मनमानी बदलाव किए, फर्जी और डुप्लीकेट किताबें बेचीं और अभिभावकों को अत्यधिक कीमत पर किताबें बेचीं। कलेक्टर ने सभी प्राइवेट स्कूलों को 1 अक्टूबर से पहले सिलेबस का चयन करने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई सभी प्रदेश और जिलों के लिए उदाहरण बन चुकी है और अभिभावकों की उम्मीदें अपने-अपने जिला प्रशासन से बढ़ी हैं क्योंकि वे भी इस तरह की मार झेल रहे हैं।
0 कलेक्टर ने की है कार्रवाई
यह कार्रवाई कलेक्टर की पहल पर की गई है। इस कार्रवाई से अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। सरकार ने प्राइवेट स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। यह खबर उन लोगों के लिए राहत की बात है जो प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमानी फीस और किताबों की कीमतों से परेशान थे। यह दर्शाता है कि सरकार गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस और किताबों की कीमतों में वृद्धि को लेकर कई बार विवाद हो चुके हैं। सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के लिए शुल्क निर्धारण के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कुछ अभिभावकों का आरोप है कि प्राइवेट स्कूल इन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते हैं।

0 पुस्तक विक्रेता और प्रकाशकों के साथ मिलकर की कार्रवाई
निजी स्कूल के संचालकों ने पुस्तक विक्रेता और प्रकाशकों के साथ मिलकर अभिभावकों से खुली लूट मचा रखी है। अभिभावकों से मिली शिकायत के बाद कलेक्टर ने इनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है। मामले में कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी कर अभिभावकों को फीस वापसी का रास्ता सुझाया गया है।

0 एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी
जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने इस मामले पर बड़ा खुलासा किया है। कलेक्टर ने कहा कि पिछले दो महीनों से जिला प्रशासन द्वारा निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत 11 स्कूलों के संचालकों के खिलाफ न केवल एफआईआर दर्ज की गई है, बल्कि उन्हें गिरफ्तार भी किया गया है।

0 खरीदारी का दबाव बनाने की शिकायतें
जबलपुर कलेक्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि जिला प्रशासन के पास निजी स्कूलों की मनमानी, फीस वृद्धि और निश्चित दुकान से ही यूनिफॉर्म स्टेशनरी की खरीदारी का दबाव बनाने की शिकायतें आ रही थी। जिसके तहत जिला प्रशासन ने जबलपुर जिले के सभी स्कूलों की जांच पड़ताल शुरू की। इस जांच पड़ताल में शहर के नामी 11 स्कूलों में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। कलेक्टर ने बताया कि जबलपुर के 11 स्कूलों ने 21 हजार बच्चों से 81 करोड़ 30 लाख रुपए की अतिरिक्त फीस वसूली है। इतना ही नहीं इन निजी स्कूलों ने पुस्तक विक्रेताओं और प्रकाशकों के साथ मिली भगत करके करोड़ों रुपए का वारा न्यारा किया है।

0 मनमानी तरीके से फीस बढ़ा दी
कलेक्टर ने कहा कि मध्य प्रदेश में साल 2018 में निजी स्कूलों की फीस वृद्धि को लेकर नियम बना दिए गए थे, लेकिन इन निजी स्कूल संचालकों ने फीस वृद्धि के नियमों को दरकिनार कर मनमानी तरीके से फीस बढ़ा दी। जबलपुर के क्राइस्ट चर्च बॉयज स्कूल,ज्ञान गंगा स्कूल, स्टेम फील्ड इंटरनेशनल स्कूल, लिटिल वर्ल्ड स्कूल, चैतन्य स्कूल सेंट ऑलोसी स्कूल, सालीवाडा सेंट ओलोसी घमापुर, सेंट ओलाइसी सदर और क्राइस्ट चर्च घमापुर शामिल हैं।

0 80 लोगों को आरोपी बनाया गया
कलेक्टर के मुताबिक इन स्कूलों ने अभिभावकों से अपराधिक घटना चक्र को अंजाम दिया है। इसलिए जबलपुर शहर के 9 थानों में इन स्कूल संचालकों के खिलाफ धारा 420, 471 और 472 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इस पूरे मामले में 80 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

0 20 लोगों को गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप के मुताबिक एफआईआर दर्ज करने के बाद अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं बाकी लोगों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सबसे खास बात यह है कि कलेक्टर ने अभिभावकों को भी अपनी फीस वापसी का रास्ता दिखा दिया है। अभिभावक जिला प्रशासन के पास आवेदन कर अपनी खाते में फीस वापस भी ले सकते हैं।

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