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प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार संघ मुख्यालय नरेंद्र मोदी पहुंचे… डॉ हेडगेवार को दी श्रद्धांजलि… विपक्ष ने कसा तंज

“प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार संघ मुख्यालय नरेंद्र मोदी पहुंचे. यहां उन्होंने आरएसएस संस्थापकों को श्रद्धांजलि दी. इससे पहले मोदी 16 जुलाई 2013 को लोकसभा चुनाव 2014 की बैठक में शामिल होने के लिए संघ मुख्यालय पहुंचे थे. 2012 में संघ सरसंघचालक रहे केएस सुदर्शन के निधन पर भी वे यहां पहुंचे थे. मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर में मौजूद स्मारक का दौरा किया है.”

नागपुर:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नागपुर पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत भी उपस्थित रहे।

यह दौरा हिंदू नववर्ष और गुड़ी पड़वा के अवसर पर आयोजित संघ के विशेष कार्यक्रम के अनुरूप हुआ। स्मृति मंदिर में प्रधानमंत्री ने पुराने संघ कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए इसे सौभाग्य का क्षण बताया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी दीक्षाभूमि पहुंचे, जहां उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह वही ऐतिहासिक स्थल है, जहां 1956 में बाबा साहेब अंबेडकर ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी।

प्रधानमंत्री के नागपुर आगमन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस यात्रा को राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से

प्रधानमंत्री के दीक्षाभूमि दौरे के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उनके साथ मौजूद रहे। इस मौके पर पुजारियों ने पीएम मोदी को शॉल भेंट कर सम्मानित किया, जिसे उन्होंने मुस्कुराते हुए स्वीकार किया।

राजनीतिक हलकों में हलचल, विपक्ष ने कसा तंज

पीएम मोदी के इस दौरे को RSS ने ऐतिहासिक बताया, लेकिन विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। RSS विचारक आशुतोष अडोनी ने इसे एक स्वयंसेवक के प्रधानमंत्री बनने के गौरव से जोड़ा, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में कम सीटें मिलने के बाद अब मोदी सरकार RSS को खुश करने की कोशिश कर रही है।

मोदी के दौरे के राजनीतिक मायने

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक तौर पर भी अहम है। RSS मुख्यालय की उनकी यात्रा और दीक्षाभूमि में उनकी मौजूदगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सामाजिक और राजनीतिक रणनीति को और मजबूत करने का संकेत दे रही है।

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