पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा “आज मैं इस सदन के माध्यम से कोटि-कोटि देशवासियों को नमन करता हूं..”
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर को बताया भारतीय संस्कृति का प्रतीक, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा प्रधानमंत्री से एक शिकायत थी ..पढ़े
नई दिल्ली: 18 मार्च : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राममंदिर और प्रयागराज में हुए महाकुंभ पर बयान दिया। पीएम मोदी ने राम मंदिर और महाकुंभ का जिक्र करते हुए भारतीय संस्कृति का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह ने हम सभी को यह एहसास कराया कि देश अगले 1000 वर्षों के लिए कैसे तैयार हो रहा है। पीएम मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष महाकुंभ ने हमारी सोच को और मजबूत किया है और देश की सामूहिक चेतना हमें देश के सामर्थ्य के बारे में बताती है। उन्होंने कहा, “आज मैं इस सदन के माध्यम से कोटि-कोटि देशवासियों को नमन करता हूं, जिनकी वजह से महाकुंभ का सफल आयोजन हुआ।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाकुंभ की सफलता में अनेक लोगों का योगदान है। मैं सरकार के, समाज के सभी कर्मयोगियों का अभिनंदन करता हूं। मैं देशभर के श्रद्धालुओं को,मैं देशभर के श्रद्धालुओं को, यूपी की जनता विशेषतौर पर प्रयागराज की जनता का धन्यवाद करता हूं। लोकसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम सब जानते हैं, गंगा जी को धरती पर लाने के लिए एक भगीरथ प्रयास किया गया था, वैसा ही महाप्रयास इस महाकुंभ के भव्य आयोजन में भी हमने देखा है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा प्रधानमंत्री से एक शिकायत थी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के महाकुंभ पर दिए गए भाषण पर कहा, “मैं प्रधानमंत्री की बात का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारी परंपरा है, संस्कृति है, इतिहास है। एक शिकायत थी कि प्रधानमंत्री ने जिनकी मृत्यु हुई उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दी। जो युवा कुंभ में गए उन्हें प्रधानमंत्री से रोजगार चाहिए और प्रधानमंत्री को उस पर भी बोलना चाहिए था।” उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में नेता प्रतिपक्ष को तो बोलने का मौका दिया जाना चाहिए था लेकिन नहीं देते हैं, यह नया भारत है।”
पीएम महाकुंभ पर सकारात्मक बोल रहे थे- प्रियंका गांधी
वहीं, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में महाकुंभ पर प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य पर कहा, “वह महाकुंभ पर सकारात्मक बोल रहे थे। विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था क्योंकि विपक्ष की भी इसके प्रति भावनाएं हैं और अगर हम अपनी बात रखते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। विपक्ष को भी दो मिनट बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी।”