Uncategorized

नेशनल हेराल्ड केस में ईडी का बड़ा ऐक्शन, कुर्क संपत्तियों पर कब्जा लेने के लिए नोटिस जारी

National Herald Case: यह मामला नेशनल हेराल्ड केस के नाम से मशहूर है, जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को आरोपी बनाया गया है।

नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल ईडी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की अटैच की गई संपत्तियों पर कब्जा लेने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। बता दें कि 11 अप्रैल 2025 को ईडी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को इसे लेकर नोटिस भेजे हैं। इसके अलावा मुंबई के हेराल्ड हाउस में जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को भी इस मामले में नोटिस भेजा गया है, जो उस बिल्डिंग की 7वीं, 8वीं और 9वीं मंजिल पर किराए पर स्थापित की गई है। बता दें कि अब इन तीनों फ्लोर का किराया हर महीने ईडी को जमा करना होगा।

ईडी की जांच में ये बात आई सामने
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह पता चला है कि इस केस में लगभग 988 करोड़ रुपये की काली कमाई हुई है। इस कारण एजेएल की संपत्तियों को 20 नवंबर 2023 को अटैच किया गया था। इसकी कीमत करीब 751 करोड़ रुपये बताई गई है। यह कार्रवाई अब अधिकृत अदालत द्वारा 10 अप्रैल 2024 को मंजूर हो गई है। बता दें कि इस मामले की शुरुआत तब हुई थी, जब डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे लेकर एक शिकायत की थी। उन्होंने इस शिकायत में आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनके साथियों ने सिर्फ 50 लाख रुपये देकर एजेएल की 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति हड़प ली थी।

एसोसिएटेड जर्नल्स की अटैच संपत्तियों को कब्जे में लेगी ईडी
ईडी ने जब इस मामले की जांच की तो यह सामने आया कि झूठा किराया, बनावटी विज्ञापन और फर्जी डोनेशन के नाम पर 85 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का हेरफेर किया गया था। अब ईडी इन संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई में जुट चुकी है और इन संपत्तियों पर कब्जा लेने के लिए नोटिस चिपका दिए गए हैं और इनका कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके तहत अलग-अलग संपत्तियों को ईडी अपने कब्जे में लेगी।

नेशनल हेराल्ड केस क्या है?
दरअसल साल 1937 में द एसोसिएटेड जर्नल्स नाम की एक कंपनी बनाई गई थी। इसके निवेशकों में कुल 5 हजार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी शामिल थे। इस कंपनी के द्वारा नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज अखबारों का प्रकाशन किया जाता था। लेकिन समय के साथ जब ये कंपनी घाटे में ली गई तो कांग्रेस पार्टी इस कंपनी को 90 करोड़ रुपये का लोन दिया ताकि इस कंपनी को घाटे से निकाला जा सके। बावजूद इसके कंपनी को कोई खास सफलता नहीं मिली। इसके बाद साल 2010 में एक और कंपनी बनाई गई जिसका नाम रखा गया यंग इंडिया। इस कंपनी में 76 फीसदी शेयर्स सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास थे। वहीं मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास 12-12 फीसदी शेयर्स थे। इस नई कंपनी ने कांग्रेस को अपना 90 करोड़ रुपये का लोन ट्रांसफर कर दिया। इसके अलावा एसोसिएटड जर्नल ने अपना सारा शेयर यंग इंडिया को दे दिया। इसके बदले यंग इंडिया ने द एसोसिएट जर्नल को मात्र 50 लाख रुपये दिए थे। इसी मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज कराते हुए इसमें धांधली का आरोप लगाया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker