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नाम लिए बगैर बाबा रामदेव ने “रूह अफजा” शरबत के लिए कह दी यह बात.. दिग्विजय सिंह ने बाबा के खिलाफ खोला मोर्चा

भोपाल: मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय ने योग गुरु बाबा रामदेव के हाल ही में शरबत पर की गई टिप्‍पणी को लेकर थाने में शिकायत दर्ज कराई है।कांग्रेस नेता ने बाबा पर अपने उत्‍पादों के प्रचार के दौरान धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया है।

दिग्विजय सिंह ने मांग की है कि बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो मैं कोर्ट कोर्ट जाऊंगा। मामले में एडिशनल डीसीपी रश्मि अग्रवाल दुबे ने बताया कि शिकायत मिली है। अब जांच की जाएगी।

बता दें कि बाबा रामदेव ने पतंजलि के शरबत का प्रचार करने के दौरान उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “एक वह शरबत है, जिसे पीने से मदरसे, मस्जिद और इस्लाम का वर्चस्व बढ़ता है। एक और शरबत है, जिसे पीने से पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, विश्वविद्यालय, भारतीय शिक्षा बोर्ड और सनातन धर्म का गौरव बढ़ता है। अंततः यह व्यापार नहीं, वसुधैव कुटुम्बकम्— विश्व परिवार का सपना साकार करने का माध्यम है। किसी से घृणा नहीं, परिणाम तो यही है।” एक अन्य बयान में राम देव ने कहा कि लोग गर्मियों में प्यास बुझाने के लिए सॉफ्ट ड्रिंक के नाम पर ठंडा मतलब टॉयलेट क्लीनर (गन्ने का जूस) पीते रहते हैं। हालांकि बाबा रामदेव के इस बयान का लोग विरोध कर रहे हैं और तरह तरह के कमेंट कर रहे हैं।

दिग्विजय सिंह ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस ने धर्म का दुरुपयोग करके देश में नफरत फैलाने के लिए बहुत सारे लोग तैयार किए हैं जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से देश को बांटने का काम करते हैं और उनका उद्देश्य सिर्फ एक है हिंदू वोटो का ध्रुवीकरण। इसी श्रेणी में आता है ‘व्यापारी’ रामदेव का नाम जिन्होंने हिंदुत्व, स्वदेशी और राष्ट्रवाद के नाम से नफरत का बीज तो बोया ही बोया, उसी की आड़ में पतंजलि के गुणवत्ता विहिन उत्पादों को बेचने का काम भी बखूबी किया। आज हम ‘व्यापारी’ रामदेव की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपने गुलाब शरबत को बेचने के लिए ‘रूह अफजा’ शरबत को हिंदू मुस्लिम विवाद में डाल दिया और मोहब्बत के शरबत को ‘शरबत जिहाद’ का नाम दे दिया। हमारा संविधान ऐसे नफरत भरे बयान देने की खिलाफत करता है जो आपस में बैर भाव उत्पन्न करें और देश का सद्भाव बिगाड़ने का प्रयास करें। झूठ, अफवाह और सांप्रदायिकता का जहर फैलाने की चलती फिरती दुकान व्यापारी रामदेव की सीधी निगाह पूरे देश की बेशकीमती जमीनों पर है। रामदेव केवल हिंदू धर्म का सौदागर है जो व्यापार और भाजपा को लाभ दिलाने के लिए सांप्रदायिक जहर फैलाने का काम करता है। ‘व्यापारी’ रामदेव का ”रूह अफजा” शरबत का विरोध सिर्फ इसलिये है क्योंकि उस कंपनी का मालिक मुस्लिम है यह पूरी तरह से हेट स्पीच है तथा उक्त शरबत की बिक्री को ”शरबत जिहाद” कहना असंवैधानिक है।

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