चोरी का डीजल-कबाड़ को “फीलगुड”, काम चालू है….
0 नामचीन कबाड़ियों को स्थानीय संरक्षण,खपने लगा चोरी का माल
0 कई ट्रांसपोर्ट में खपा रहे चोरी का डीजल,भीतर से खेल
कोरबा। कोरबा जिले में एक बार फिर डीजल चोरी और अवैध कबाड़ ने सिर उठाना शुरू कर दिया है। पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी और ऐसी अवैध गतिविधियों का संचालन पूरी तरह से रोक दिया गया था। अभी आचार संहिता खत्म नहीं हुई है फिर भी डीजल की चोरी, चोरी का कबाड़ खरीदने वालों ने अपनी दुकानदारी शुरू कर दी है।
वैसे कबाड़ की दुकान चलाने में कोई बुराई नहीं है लेकिन अपराध तो वे चोरी का लोहा खरीदकर कर रहे हैं। चोरों के पास नामचीन और चुनिंदा कबाड़ियों की दुकान चोरी का लोहा, तांबा, पीतल,अल्युमिनियम खपाने का अड्डा है। ऐसे नामचीन कबाड़ियों की लिस्ट संबंधित थानों में पहले से मौजूद है लेकिन कहीं ना कहीं कप्तान की आंख से काजल चुरा कर कुछ पुलिसकर्मियों/राजनीति से जुड़े लोगों के द्वारा ऐसे कबाड़ दुकानदारों को संरक्षण दिया जा रहा है। संरक्षण की वजह से चोरी का माल खरीदने वाले नामचीन कबाड़ियों के हौसले बढ़े हुए हैं। पुष्ट सूत्र बताते हैं कि इनमें प्रमुख रूप से बरमपुर, राताखार, मुड़ापार,टीपी नगर, झगरहा, छुरी, कटघोरा,बालको,दर्री आदि एरिया शामिल हैँ। बड़ी सावधानी लेकिन आसानी से चोरी का सामान खरीद कर बाहर-बाहर खपाया जा रहा है।
कुछ तो ऐसे कबाड़ी हैं जिनके ठिकाने पर दबिश देकर बड़े पैमाने पर चोरी का कबाड़ जप्त किया गया और दुकान भी काफी समय से बंद रही लेकिन एक बार फिर उनके लिए फीलगुड हो गया है। चालाकी इस कदर है कि पुराने अड्डे से थोड़ा आगे-पीछे होकर काम शुरू कर दिए हैं ताकि पुलिस अधिकारियों की नजर ना पड़ सके, विशेष टीम भी अप्रत्यक्ष हालतों के आगे मजबूर है और जिन्होंने संरक्षण दिया है उन्हें पूरी जानकारी है और रेट भी 4 गुना कर दिया गया है।
0 हरदीबाजार-बलौदा के बीच खप रहा चोरी का डीजल
इसी प्रकार एसईसीएल की खदानों के भीतर से चोरी हो रहा डीजल बड़े पैमाने पर बाहर में सस्ते दाम पर खप रहा है। इसका लाभ खदान के भीतर और बाहर कुछ चुनिंदा ट्रांसपोर्टरों के द्वारा उठाया जा रहा है जो इन डीजल चोरों के ग्राहक हैं। सूत्रों की मानें तो खदानों से निकला चोरी का डीजल हरदीबाजार से लेकर जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा के बीच बड़े पैमाने पर खपाया जा रहा है। सुरक्षा कर्मियों द्वारा झटके में पकड़े जा रहे हैं एक-दो मामलों को छोड़ दें तो खदान क्षेत्र डीजल चोरी के मामले में सुरक्षित नहीं हैं। यहां बड़ी-बड़ी मशीनों और वाहनों की टंकी से डीजल चोरी का खेल थम नहीं रहा। हालांकि अपने-अपने इलाके में सब कुछ सामान्य बताने की औपचारिकता हो रही है और एसईसीएल के अधिकारी भी अपने सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बताते फिर रहे हैं लेकिन हकीकत तो यही है कि चोरों के द्वारा खदान के भीतर से डीजल का वारा-न्यारा किया जा रहा है। स्थानीय स्तर के छोटे-छोटे गिरोह से जुड़े लोग इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में डीजल पर करने से यह नजर में नहीं आ रहे लेकिन secl को हर महीने लाखों रुपए की चपत जरूर लग रही है।