क्या साईं शिवा जैसा हर कोर्ट में मिलेगा जज ? बुजुर्ग दंपति की हालत देख जज ने कोर्ट के बाहर सड़क पर किया इंसाफ…जाने पूरा मामला
जज साईं शिवा जैसा जज क्या हर कोर्ट में मिलेगा ? जज साईं शिवा ने जो कर दिखाया वह अपने आप में एक मिशाल बन गया। जज साईं शिवा की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है.. आइए हम बताते हैं जज साईं शिवा ने ऐसा क्या कर दिया जिसकी तारीफ हर तरफ हो रही हैं…जज साईं शिवा ने दिखाया कि इंसाफ की राह में अगर इंसानियत हो तो ,कोई भी बाधा बड़ी नहीं है.

बता दें की तेलांगना के निजामाबाद में कोर्ट परिसर में लोगों को जो देखने को मिला ऐसा किसी ने सोचा भी नहीं था। यहां बोदन कोर्ट में एक बुजुर्ग दंपति अपनी सुनवाई के लिए पहुंचे ।
बताया जाता हैं की ये दोनों रायकर गांव से ऑटोरिक्शा में आए थे मगर उम्र और कमजोरी ने इनके पैरों को ऐसा जकड़ा कि कोर्टरूम तक जाना नामुमकिन था. अब इंसाफ की आस लिए ये ऑटो में ही बैठे रहे. तभी कोर्ट के जज को इसकी खबर मिली. जज साहब ने जो किया, वो दिल जीत लेने वाला था।
दरअसल, कांतापु सयाम्मा और कांतापु नादपी गंगाराम अपने एक केस के सिलसिले में 28 अप्रैल को बोदन कोर्ट पहुंचे थे. तभी जूनियर फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट एसम्पेल्ली साई शिवा को इसकी खबर मिली. वो अपनी कुर्सी छोड़कर कोर्टरूम से बाहर निकले और सीधे ऑटो के पास पहुंच गए. वहां, सड़क किनारे ही उन्होंने बुजुर्ग कपल की बात सुनी. मामला था दहेज उत्पीड़न का, जो इनके खिलाफ दर्ज था. जज साहब ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं, दस्तावेज देखे और फिर फैसला सुना दिया. फैसला, केस खारिज. सायम्मा और गंगाराम को इंसाफ मिला, वो भी बिना कोर्ट की सीढ़ियां चढ़े.
बहू ने दर्ज कराया था वैवाहिक क्रूरता मामला
अब आते हैं सायम्मा और गंगाराम के मामले पर. कोर्ट के रिकॉर्ड के मुताबिक कांतापु सयाम्मा और कांतापु नादपी गंगाराम पर 2021 में तेलंगाना पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए के तहत वैवाहिक क्रूरता का मामला दर्ज किया गया था. दिसंबर 2021 में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया, जिसके बाद बोधन कोर्ट में मुकदमा चला. करीब 30 सुनवाई के बाद कोर्ट ने 22 अप्रैल को मामले पर फैसला सुनाने की बात की थी.
रिपोर्ट के मुताबिक इससे एक महीने पहले कोर्ट को बताया गया कि दंपती दुर्घटना का शिकार हो गए हैं और चलने में असमर्थ हैं. दंपती की स्थिति को देखते हुए जज ने 30 अप्रैल को इस मामले में फैसला सुनाया. बुजुर्ग दंपती के खिलाफ उनकी बहू द्वारा दर्ज कराया गया ये मामला झूठा पाया गया. कोर्ट ने आदेश में बताया,
“आरोपी नंबर 1 और 2 IPC की धारा 498 ए के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषी नहीं पाए गए.”
ये छोटी सी घटना सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई.
ये छोटी सी घटना सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई. कोर्ट के बाहर की एक तस्वीर भी वायरल हो गई. लोग जज के बारे में पूछने लगे. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक जज शिवा ने हैदराबाद के महात्मा गांधी लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी की. साल 2023 में उन्होंने सिविल जज की परीक्षा क्वालीफाई की। उन्होंने पूर्व में ‘तेलंगाना टुडे’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था: “बचपन से ही मुझे कानून में रुचि रही है। मैंने न्यायाधीश बनने का निर्णय इसलिए लिया ताकि पीड़ित और अभियुक्त के बीच संतुलन बनाए रख सकूं । मैं त्वरित न्याय करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।