BilaspurCHHATTISGARHKORBARaipur

कानफोड़ू डीजे पर विभाग निष्क्रिय,जनता हलाकान

0 अब हाईकोर्ट ने शासन से मांगा हलफनामा, कहा- यह अधिकारियों की ओर से एक अपमानजनक कृत्य

कोरबा/बिलासपुर। त्यौहार और उत्सवों के अवसर पर बजाए जाने वाले डीजे के शोर से जनता हलाकान हो रही है। अभी गणेश उत्सव में विसर्जन के दौरान डीजे का शोर लोगों को परेशान करता रहा। निर्धारित डेसिबल क्षमता से कहीं ज्यादा शोरगुल डीजे के द्वारा सड़कों पर मचाया जाता रहा लेकिन इसकी रोकथाम के लिए जिम्मेदार महकमा खामोश बैठा रहा। ध्वनि प्रदूषण के मामले में कार्रवाई करने के लिए विभाग सामने नहीं आया और न ही उसके द्वारा कोई सक्रियता दिखाई जाती है। तेज आवाज में बजने वाले बड़े-बड़े साउंड बॉक्स युक्त डीजे के शोर का झन्नाटा ऐसा रहता है कि पक्की दीवारें भी कांप उठती हैं। ऐसा लगता है कि उनके शोर में कहीं दीवार ही न गिर पड़े या प्लास्टर छत का साथ न छोड़ दें। काफी ज्यादा बेस में डीजे की आवाज हर वर्ग के लोगों को प्रभावित और प्रताड़ित करती है। अस्पतालों के सामने से भी गुजरते हैं लेकिन जब रोकथाम करने वाला अमला निष्क्रिय रहेगा तो डीजे का शोर लोगों को परेशान करेगा ही। आम जनता की अपेक्षाएं और उम्मीदें बड़ी कतर नजरों से टिकी रहती है कि आखिर कोई ना कोई तो इन पर कार्रवाई कर शोर को थोड़ा कम करेगा, पर ऐसा हुआ नहीं। त्योहारों के मौसम में खुशी जताने के लिए अब डीजे एक अभिन्न माध्यम है और रोजी-रोटी का साधन भी लेकिन ध्वनि प्रदूषण के कारण लोगों को होने वाली प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष परेशानी को भी इन्हें ध्यान में रखना चाहिए।
0 हाईकोर्ट ने उठाया यह कदम
इधर दूसरी तरफ उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि – दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित शीर्षक मनमानी लोगों की धड़कनें तेज कर देता है कानफोडू डीजे, अभी पूरा त्योहारी सीजन बाकी कोई रोकने-टोकने वाला नहीं, डीजे वाले बाबू बेकाबू… दोगुना शोर, फिर भी कड़ाई नहीं बच्चे – बीमार – बुजुर्गों का बुरा हाल एवं परेशानी : शहर की बड़ी आबादी डीजे के शोर से त्रस्त लेकिन ध्यान नहीं दे रहे जिम्मेदार अफसर 80 घरों के बुजुर्ग गए रिश्तेदारों के घर क्योंकि घंटो कानफोडू शोर का टॉर्चर समाचार को मुख्य न्यायाधिपति द्वारा स्वतः संज्ञान में लेते हुए विषय की गंभीरता को देखते हुए आज ही प्रकरण WPPIL 88 / 2023 दर्ज कर सुनवाई की गई तथा उच्चतम न्यायालय तथा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा इस विषय पर दिये गये पूर्व के आदेशों का उल्लेख करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया है ।
मुख्य न्यायाधिपति ने माना कि बिलासपुर शहर में ध्वनि प्रदूषण की वर्तमान स्थिति, जो कि समाचारों की कतरनों से स्पष्ट है, जिम्मेदार राज्य अधिकारियों की ओर से एक अपमानजनक कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है, जो ध्वनि प्रदूषण के खतरे को रोकने में कोई भी प्रयास करने में विफल रहे हैं । सर्वोच्च न्यायालय के साथ-साथ इस न्यायालय द्वारा विभिन्न आदेश निर्देश पारित करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
युगल पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार को इस मामलें में उत्सवों के अवसरों के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों/ डीजे द्वारा उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण के खतरे को खत्म करने के लिए किए गए प्रयासों के संबंध में एक विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
0 रायपुर में की गई कार्रवाई
न्यायालय के निर्देशों व नियमों का उल्लंघन करने वाले 25 से अधिक डीजे संचालकों पर रायपुर पुलिस ने कार्रवाई की है। निर्धारित सीमा से अधिक तीव्र आवाज में डीजे, धुमाल बजाने की शिकायत पर पुलिस ने दो दिन में कुल 40 डीजे, धुमाल संचालकों पर कार्रवाई की है। उनके कब्जे से 10 नग चारपहिया वाहन, 120 बॉक्स, पोंगा सहित अन्य वाद्ययंत्र उपकरण जब्त किया गया है। एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा है कि डीजे एवं धुमाल संचालकों के विरूद्ध रायपुर पुलिस का यह अभियान लगातार जारी रहेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker