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कांग्रेस में पावर की टसल : इलेक्शन कमेटी के खिलाफ क्यों हैं वेणूगोपाल

Congress: लोकसभा चुनाव के बाद एक के बाद एक राज्यों में चुनावी हार के बाद कांग्रेस के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। नेताओं में आपसी खींचतान चल रही है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार हो या फिर सांसद शशि थरूर इनके बयानों ने सियासत में हलचल शुरू हो गई हैं। वहीं दूसरी तरह लगातार चुनावी हारों से कांग्रेस ने एक नया एक्शन प्लान तैयार किया है।इस नए प्लान के तहत एक परमानेंट इलेक्शन कमेटी बनाई जानी है। इस कमेटी में कुछ सदस्य और एक चेयरपर्सन होगा। कमेटी पर राज्यों के विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव में चुनाव से संबंधित सभी कार्यों की जिम्मेदारी होगी। गौरतलब है कि अभी तक चुनावों की जिम्मेदारी संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल के पास है।

कांग्रेस की इलेक्शन कमेटी का गठन अभी अधर में

कांग्रेस की इलेक्शन कमेटी का गठन अभी अधर में लटका हुआ है। इसका कारण केसी वेणूगोपाल को बताया जा रहा है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चाहते हैं कि इस कमेटी की अध्यक्ष प्रियंका गांधी बनें। वहीं दूसरी तरफ केसी वेणूगोपाल इस कमेटी के ही खिलाफ बताए जा रहे हैं। ऐसा सिर्फ पावर की टसल के लिए हो रहा है। वहीं राहुल गांधी इस मामले अभी न्यूट्रल हैं। हालाकि ज्यादा संभावना है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का पक्ष लेंगे। जबकि केसी वेणुगोपाल राहुल गांधी के सबसे करीबी नेता माने जाते हैं।

कमेटी गठन से वेणूगोपाल की होगी कम

राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस कमेटी के गठन से केसी वेणुगोपाल की ताकत कम हो जाएगी। वहीं दूसरी तरफ प्रियंका गांधी की ताकत पार्टी के अंदर और बढ़ जाएगी। यही वजह है कि वेणुगोपाल नहीं चाहते की यह कमेटी बनें। उनका मानना है कि बिना कमेटी के भी काम चल रहा है। बता दें कि अभी तक चुनाव के समय सारी सूचनाएं, चुनावी मुद्दे व चुनाव के रूझान की रिपोर्ट संगठन महासचिव तक पार्टी कार्यकर्ता सीधे पहुंचाते हैं, लेकिन इस इलेक्शन कमेटी के निर्माण के बाद सारे काम प्रियंका गांधी के पास आ जाएगी।

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