Uncategorized

इस परिस्थित में राज्य सरकार अंतरिम जमानत रद्द कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है, निलंबित IAS रानू साहू सहित अन्य को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

छत्तीसगढ़ के कथित कोयला लेवी घोटाले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू को अंतरिम जमानत दे दी। इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और पूर्व छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को भी जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटेश्वर सिंह की पीठ ने अंतरिम जमानत दी। यह मामला कोयला परिवहन से अवैध वसूली से जुड़ा है। ED की जांच में करोड़ों रुपये की हेराफेरी और कई लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कथित बहुचर्चित 450 करोड़ से अधिक के कोल लेवी वसूली और मनी लांड्रिंग घोटाला मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, सौम्या चौरसिया और व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने ये फैसला सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच में काफी समय लगेगा, इसलिए समय लेने वाली प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित समझते हैं। बता दें कि ये सभी आरोपी करीब दो वर्ष से अधिक समय से जेल में हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा है कि मामले में निर्धारित तारीख पर याचिकाकर्ताओं के आचरण पर रिपोर्ट प्रस्तुत करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस मामले में जांच में काफी समय लगेगा इसलिए समय लेने वाली प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतरिम जमानत रिहाई ट्रायल के आधार पर दी गई है ताकि स्वतंत्रता और निष्पक्ष जांच के बीच संतुलन बनाया जा सके।

इन शर्तों पर दी अंतरिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि किसी गवाह को प्रभावित करने, सबूतों से छेड़छाड़ करने या जांच में बाधा डालने में लिप्त पाया जाता है, तो राज्य सरकार अंतरिम जमानत रद्द कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है और उस स्थिति में अंतरिम जमानत रद्द कर दी जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker