आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरणा के आरोपी को 7 साल कारावास
रायगढ़। रायगढ़ जिले सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार सिन्हा के न्यायालय में 26 सितम्बर 2023 को जारी आदेश में थाना सिटी कोतवाली रायगढ़ के आत्महत्या के लिए दुष्परित करने के मामले में अभियुक्त कन्हैया लाल दलाल को आरोपित भादवि की धारा 306 में 7 वर्ष की सश्रम कारावास तथा ₹1000 का अर्थदंड की सजा सुनाई गई है । अभियुक्त द्वारा अर्थदंड राशि समय में नहीं दिए जाने पर उसे 6 महीने अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी ।

मामले का संक्षिप्त विवरण इस तरह है कि अभियुक्त कन्हैया लाल दलाल पिता बजरंग लाल दलाल उम्र 36 साल निवासी इंदिरा नगर थाना सिटी कोतवाली रायगढ़ के विरूद्ध स्थानीय युवती द्वारा थाना सिटी कोतवाली रायगढ़ में छेड़-छाड़ की रिपोर्ट दर्ज करायी थी, जिसकी रिपोर्ट पर अभियुक्त कन्हैया लाल को कोतवाली पुलिस गिरफ्तार का चालान न्यायालय पेश किया गया था। मामले में अभियुक्त जेल में था जो जमानत में मुक्त होने पर युवती और उसके पिता को रिपोर्ट छेड़खानी की वापस लेने की धमकी तथा अपने पास रखे युवती के फोटोग्राफ्स, वीडियो फुटेज वायरल कर युवती को बदनाम करने की धमकी देता था जिससे युवती मानसिक रूप से परेशान थी । अभियुक्त कन्हैया लाल के बार-बार दबाव देकर केस वापस लेने अन्यथा बदनाम करने की धमकी देने से प्रताड़ित होकर युवती ने 17 नवंबर 2021 को अपने घर में दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवती की मृत्यु के संबंध में थाना कोतवाली में मर्ग कायम कर अभियुक्त कन्हैया लाल के विरुद्ध धारा 306 भादवि के तहत अपराध पंजीकृत किया गया जिसमें आरोपी को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रायगढ़ के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। सत्र न्यायालय रायगढ़ में प्रकरण की सुनवाई की गई। न्यायालय में अभियुक्त कन्हैया लाल दलाल द्वारा युवती (मृतिका) द्वारा लिखाई गई छेड़छाड़ की रिपोर्ट से संबंधित केस वापस लेने के लिए धमका कर समाज में बदनाम करने की धमकी देने और युवती की फोटो अन्य लोगों को दिखाकर मानसिक रूप से परेशान कर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित किया जाना पाया गया जिससे न्यायालय ने अभियुक्त कन्हैया लाल दलाल के विरुद्ध आरोपित भादवि की धारा 306 में दोष सिद्ध ठहराया। मामले में अभियुक्त को धारा 306 भादवि के लिए 7 वर्ष की सश्रम कारावास तथा ₹1,000 का अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
0 तत्कालीन टीआई नागर की मजबूत विवेचना बनी सजा का आधार

मामले की मजबूत विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी सिटी कोतवाली निरीक्षक मनीष नागर एवं सहायक विवेचना अधिकारी प्रधान आरक्षक नंदकिशोर सारथी (वर्तमान सहा.उप निरीक्षक) द्वारा की गई। विवेचना में सभी पहलुओं का ध्यान रखा गया जिससे आरोपी को सख्त सजा दिलाई जा सके व पीड़ित परिवार को न्याय मिले।प्रकरण में अभियोजन की ओर से न्यायालय में लोक अभियोजक दीपक शर्मा द्वारा पैरवी किया गया ।